Diya Jethwani

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लेखनी कहानी -06-Sep-2022... रिश्तों की बदलतीं तस्वीर..(22)

क्या बात हैं मां जी आज आप बहुत उदास लग रहीं हो...। 


अरे कुछ नहीं बेटा... बस आज वो मेरी पोती की बहुत याद आ रही हैं..। 

मां जी..... ऊपर वाले ने आपको इतने सारे बच्चे दिए हैं फिर भी...। आपको पता हैं उस आश्रम का हर बच्चा आपको दादी माँ कहता हैं..और ये क्या आज आप उधर अभी तक गए क्यूँ नहीं...। चलिए उठिए... आज मुझे भी जाना हैं... हम साथ में चलते हैं... आइये..। 

वो औरत रमादेवी को सहारा देते हुवे अपने साथ ले जाने लगी..।

 मां जी... इनसे मिलिए... ये केशव हैं.... आज ही यहाँ आए हैं...। इनके बेटे इन्हें यहाँ छोड़ कर गए हैं... इनको भी आज सामने आश्रम में बच्चों से मिलाने ले जा रहीं हूँ...। 

रमादेवी मुस्कुराते हुए उस शख्स से मिली और दोनों उस औरत के साथ चल दिए..।

 रमादेवी को सवेरे से हो रहीं बैचेनी.. वहाँ जाकर पल भर में गुम हो गई..। रमादेवी वक्त के साथ साथ अब समझ चुकी थीं.. की ये ही उसकी जिंदगी हैं..। इसलिए अब उसने बिती बातें भूलकर उस आश्रम को ही अपना बना लिया था..। 

केशव जी के साथ रमादेवी बहुत पल बिताती थीं...। वो उनकी बातें सुनकर बहुत दु खी हो जाती थीं...। आश्रम में रहने वाला हर शख्स अब रमादेवी को दादी माँ कहने लगा था....। ऐसा नहीं था की रमादेवी वहाँ अकेली इस उम्र की थीं... लेकिन किसी को भी कोई परेशानी होती या कोई बात कहनी होतीं तो वो रमादेवी के पास ही आता था... उनके समझाने के तरीके और उनके किस्से कहानियों सब की जुबान पर थे.. इसलिए प्यार से सब उन्हें दादी माँ कहते थे...। 

रमादेवी को वहाँ मिल रहे मान सम्मान से उनके भीतर एक अलग सी उर्जा का संचार करते थे..। देखा जाए तो रमादेवी बहुत सुकून महसूस कर रहीं थीं.. और बहुत खुश भी थीं..। 



दिन महीनों में बितने लगे..। शादी की तारीख पास आने लगी.. और तैयारियां भी जोरो से चल रहीं थीं..। 

सगाई के लगभग डेढ़ महीने बाद...

सलोनी आज आफिस में भी बहुत परेशान सी थीं...। पिछले कुछ दिनों से उसे एक अजीब सी बैचेनी हो रहीं थीं..। वो कुछ दिनों से बहुत चिंता में रहने लगी थीं...।लेकिन आज कुछ ज्यादा ही थीं...।

इस बारे में उसकी माँ ने ....आफिस के कर्मचारियों ने.. विनी ने बार बार पूछा... पर सलोनी सभी को थकावट का कहकर टाल रहीं थीं..। लेकिन एक एक बढ़ते दिन के साथ साथ उसकी परेशानी भी बढ़तीं जा रहीं थीं...। 

उसी रोज़ विनी किसी काम से सलोनी की अनुपस्थिति में उसके घर आई यह जानने के लिए की सलोनी इतनी परेशान क्यूँ हैं....। लेकिन सलोनी को अपने सवाल के जवाब से पहले एक सवाल मिला...। उसकी माँ सुजाता ने उसके कुछ पूछने से पहले ही वो ही सवाल विनी से किया...। इस पर विनी ने बताया की वो खुद ये बात जानने आई है...। 
विनी और सुजाता को लग रहा था की वो अपनी दादी को लेकर शायद ज्यादा परेशान हैं..। क्योंकि शादी की तारीख भी नजदीक आ रहीं हैं... और इतने समय में एक बार भी उसकी दादी से बात नहीं हुई हैं..। 

सुजाता ने इस बारे में सुनील से भी बात की... पर सुनील ने भी ओर कोई रास्ता नहीं हैं कहकर उस बात को गंभीरता से लिया ही नहीं..। 

आंटी अंकल सही कह रहे हैं... और कोई रास्ता भी तो नहीं हैं उनके पास....। कुछ अता पता होता तो चलो एक पल को बात करवा भी लेते... लेकिन कुछ पता भी तो नहीं हैं..। 

वो तो मैं भी जानती हूँ बेटा कोई रास्ता नहीं हैं... लेकिन सलोनी ऐसे चिंता करतीं रहेगी तो उसकी सेहत बिगड़ जाएगी...। वैसे ही शादी को लेकर लड़कियां अक्सर तनावग्रस्त रहतीं हैं...। नया घर.. नए लोग.. वहाँ जाकर एडजस्ट करना भी खुद में एक चुनौती है...। हमें बात तो करनी होगी बेटा...। 

आंटी... आप चिंता मत करो... मैं आज बात करतीं हूँ उससे..। आखिर उसके दिल में चल क्या रहा हैं पता करतीं हूँ..। 

वो तो ठीक हैं बेटा... लेकिन अगर दादी की वजह से परेशान हुई तो..!! 

तो... उसका भी कोई ना कोई रास्ता निकालेंगे आंटी... पहले पता तो चले ... हो सकता हैं वो सच में नए माहौल को लेकर परेशान हो..। 

ठीक हैं बेटा... लेकिन उससे सीधे सीधे मम्मी के बारे में कुछ मत पूछना...। 

हम्म.... मैं ध्यान रखूंगी आंटी...। आप टेंशन ना लो...। चलो अभी में चलतीं हूँ... सलोनी आए फिर आतीं हूँ... । 


आखिर सलोनी की चिंता का कारण क्या था...! 
जानते हैं अगले भाग में...। 

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3 Comments

shweta soni

27-Sep-2022 11:55 AM

Very nice

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Bahut khoob 💐👍

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Gunjan Kamal

26-Sep-2022 08:14 PM

शानदार भाग

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